26 राज्यों तक पहुंचा कोरोना, बनेंगे कोविड अस्पताल

महज तीन सप्ताह के भीतर कोरोना वायरस देश के 100 से ज्यादा जिलों को अपनी चपेट में ले चुका है। बृहस्पतिवार तक देश के 26 राज्य और केंद्र शासित राज्य के 102 से ज्यादा जिलों में संक्रमित मरीज सामने आए। इसके बाद अब हर जिले में कोविड अस्पताल बनाने की तैयारी शुरू हो गई है। फिलहाल राज्यों को कोरोना वायरस के लिए स्पेशल अस्पताल तैयार करने के निर्देश हैं, लेकिन जल्द ही हर जिले में एक अस्पताल तैयार करने का आदेश जारी होगा।


नीति आयोग और देश के कई बड़े स्वास्थ्य विशेषज्ञ संयुक्त रूप से तीन महीने की गाइडलाइन तैयार करने में जुटे हैं। इसके तहत हर जिले में कोविड अस्पताल तैयार करने के अलावा क्वारंटीन और आईसोलेशन, वेंटिलेटर, आईसीयू बेड में बढ़ोतरी, दो महीने की एडवांस पेंशन, घर जाकर मिड डे-मील वितरण, राशन की उपलब्धता और किसान-मजदूरों को मिलने वाली आर्थिक मदद में वृद्घि आदि बिंदुओं पर योजना बनाई जा रही है।
बृहस्पतिवार सुबह तक देश में कोरोना वायरस से 649 लोग संक्रमित हो चुके थे। इनमें 13 ने उपचार के दौरान दम तोड़ दिया, जबकि 42 मरीजों को इलाज के बाद छुट्टी दे दी गई है। इसके अलावा एक मरीज देश से जा चुका है। फिलहाल देश में 593 संक्रमित मरीज विभिन्न अस्पतालों में उपचाराधीन हैं।
नीति आयोग के सदस्य डॉ. वीके पॉल का कहना है कि कोरोना वायरस को लेकर देश अपनी तैयारियों में जुटा हुआ है। अभी तक की स्थिति का आकलन करते हुए तीन महीने का खाका तैयार किया जा रहा है। राज्य और केंद्र मिलकर इस वायरस के खिलाफ लड़ाई लड़ रहे हैं। हालांकि, इसमें आम जनता का सहयोग सबसे ज्यादा जरूरी है।
जानकारी के अनुसार, कोरोना वायरस को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निर्देशों पर बने मंत्री समूह की निगरानी में ये गाइडलाइन लगभग तैयार होने जा रही हैं। जल्द ही सभी राज्यों को मिलकर इस पर काम करना होगा। मंत्रालय के एक वरिष्ठ निदेशक ने बताया कि अभी तक देश में कोरोना वायरस के संक्रमित मरीजों में से 5 फीसदी से भी कम को वेंटिलेटर की जरूरत पड़ रही है। बावजूद इसके, केंद्र सरकार करीब एक हजार वेंटिलेटर खरीदने की तैयारी में है। इसके अलावा राज्यों को भी वेंटिलेटर व आईसीयू सेवाओं पर फोकस करने के आदेश दिए जा चुके हैं।
बाकी देशों की तुलना में बेहतर स्थिति में है भारत : गंगाखेड़कर
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत में कोरोना वायरस को लेकर स्थिति गंभीर बताई जा रही है। अमेरिका और यूके के चिकित्सीय विशेषज्ञों ने दावा किया है कि भारत के लिए अगले दो सप्ताह सबसे ज्यादा गंभीर हैं। एक अध्ययन में ये भी दावा किया है कि भारत के लिए कोरोनो से जंग अगले कुछ सप्ताह या महीनों तक लड़ी जा सकती है। हालांकि, भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के वैज्ञानिक इससे साफ इंकार कर चुके हैं। चीफ साइंटिस्ट डॉ. रमन गंगाखेड़कर बताते हैं कि भारत अभी भी दुनिया के बाकी देशों की तुलना में काफी बेहतर स्थिति में है। 21 दिन के लॉक डाउन से काफी हद तक नियंत्रण पाया जा सकेगा। आईसीएमआर के अध्ययन में भी ये साबित हो चुका है।